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आज साहित्य

@AajSahitya

कविता । शेर । शायरी । गज़ल । नज़्म । विचार । दोहा ।

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निभाना ही तो मुश्किल है
चाहना तो हर किसी को आता है ..

निभाना ही तो मुश्किल है चाहना तो हर किसी को आता है ..
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जैसा दर्पण धूल से अस्पष्ट होता है
वैसे ही क्रोध से बुद्धि अस्पष्ट होती है !

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कांच सी कोमल है काया
घाव पर मरहम हूँ मैं,
तुम कभी मुझको बुला लो
परखों तो चंदन हूँ मैं ।

~ स्वाति शर्मा ' अतुल '

कांच सी कोमल है काया घाव पर मरहम हूँ मैं, तुम कभी मुझको बुला लो परखों तो चंदन हूँ मैं । ~ स्वाति शर्मा ' अतुल '
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जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं
वो अमीर कैसे बन जाते हैं ....।

जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं वो अमीर कैसे बन जाते हैं ....।
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कमरा बिखरा है
यानी मैं खुश हूँ।

मैं वस्तुएँ समेट लेती हूँ।
जब ह्रदय विचलित उदास होता है।

जैसे - प्रेम रुठ कर समेट लेता है -
अधिकार
स्नेह
मिलाप

- शहज़ादी ख़ातून

कमरा बिखरा है यानी मैं खुश हूँ। मैं वस्तुएँ समेट लेती हूँ। जब ह्रदय विचलित उदास होता है। जैसे - प्रेम रुठ कर समेट लेता है - अधिकार स्नेह मिलाप - शहज़ादी ख़ातून #aajsahitya
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पीर की आग में हम सुलगते रहे।
टूट कर फूल से हम बिखरते रहे।

चल दिये वो भले ही कुचलकर हमें,
फूल थे इसलिए हम महकते रहे।

~ आयुषी गुप्ता

पीर की आग में हम सुलगते रहे। टूट कर फूल से हम बिखरते रहे। चल दिये वो भले ही कुचलकर हमें, फूल थे इसलिए हम महकते रहे। ~ आयुषी गुप्ता
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जिन्हें झूठ बोलना नहीं आता
उनके अक्सर रिश्ते टूट जाते है !

जिन्हें झूठ बोलना नहीं आता उनके अक्सर रिश्ते टूट जाते है !
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