आज साहित्य
@AajSahitya
कविता । शेर । शायरी । गज़ल । नज़्म । विचार । दोहा ।
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https://instagram.com/aajsahitya 05-08-2021 08:47:12
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जैसा दर्पण धूल से अस्पष्ट होता है
वैसे ही क्रोध से बुद्धि अस्पष्ट होती है !
#शुभ__प्रभात
कमरा बिखरा है
यानी मैं खुश हूँ।
मैं वस्तुएँ समेट लेती हूँ।
जब ह्रदय विचलित उदास होता है।
जैसे - प्रेम रुठ कर समेट लेता है -
अधिकार
स्नेह
मिलाप
- शहज़ादी ख़ातून
#aajsahitya