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Swami Naisargika Giri

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President Prabhu Premi Sangh Charitable Trust, Editor-in chief: Prabhu prem pukar

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पूज्यपाद गुरुदेव के पावन सानिध्य में आदरणीया किरण बेदी से आध्यात्मिक चर्चा कर अभिभूत हूँ !

पूज्यपाद गुरुदेव के पावन सानिध्य में आदरणीया किरण बेदी से आध्यात्मिक चर्चा कर अभिभूत हूँ !
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शिक्षित, सहिष्णु व एकजुट समाज और समर्थ सशक्त राष्ट्र की संकल्पना अध्यात्मिक जीवन शैली द्वारा ही संभव है। वर्तमान में श्रेष्ठता के दंभ, प्रचंड भोगवाद और पारस्परिक द्वेष से जूझ रहे विश्व समुदाय के लिए योग, आयुर्वेद एवं भारत की कौटुम्बिक प्रवृत्तियाँ ही पाथेय सिद्ध होंगी |

The…

शिक्षित, सहिष्णु व एकजुट समाज और समर्थ सशक्त राष्ट्र की संकल्पना अध्यात्मिक जीवन शैली द्वारा ही संभव है। वर्तमान में श्रेष्ठता के दंभ, प्रचंड भोगवाद और पारस्परिक द्वेष से जूझ रहे विश्व समुदाय के लिए योग, आयुर्वेद एवं भारत की कौटुम्बिक प्रवृत्तियाँ ही पाथेय सिद्ध होंगी | The…
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भारत ज्ञान, विज्ञान और दिव्य संस्कारों के प्रसार का देश है। भारतीय संस्कृति में ज्ञान एवं अनुसंधान परक वृत्तियों के मूल में लोकहित के भाव की प्रधानता रही है इसलिए कॉपी राइट, ट्रेडमार्क और पेटेंट जैसे शब्द और केवल लाभ की प्रवृत्ति यहां गौण रही है।मनुष्य का औदार्य, करुणा और विचार…

भारत ज्ञान, विज्ञान और दिव्य संस्कारों के प्रसार का देश है। भारतीय संस्कृति में ज्ञान एवं अनुसंधान परक वृत्तियों के मूल में लोकहित के भाव की प्रधानता रही है इसलिए कॉपी राइट, ट्रेडमार्क और पेटेंट जैसे शब्द और केवल लाभ की प्रवृत्ति यहां गौण रही है।मनुष्य का औदार्य, करुणा और विचार…
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श्रावयेद् मृदुलां वाणीं सर्वदा प्रियमाचरेत्।
पित्रोराज्ञानुकारी स्यात् स पुत्रः कुलपावनः।।

वैज्ञानिक आविष्कारों से धरा पर आश्चर्यजनक प्रगति हुई है, विज्ञान ने हमें अंतहीन साधन और अपरिमित सुविधाएँ तो दी हैं, किन्तु अपार असंतोष और अवसाद भी बढ़ रहा है । विवेक और सदविचार के अभाव में…

श्रावयेद् मृदुलां वाणीं सर्वदा प्रियमाचरेत्। पित्रोराज्ञानुकारी स्यात् स पुत्रः कुलपावनः।। वैज्ञानिक आविष्कारों से धरा पर आश्चर्यजनक प्रगति हुई है, विज्ञान ने हमें अंतहीन साधन और अपरिमित सुविधाएँ तो दी हैं, किन्तु अपार असंतोष और अवसाद भी बढ़ रहा है । विवेक और सदविचार के अभाव में…
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मलेरिया प्राणघातक व्याधि है। अनेक वैज्ञानिक अनुसंधानों एवं अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के बाद भी यह रोग सम्पूर्ण विश्व के समक्ष एक चुनौती बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर मलेरिया की रोकथाम एवं जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूक…

मलेरिया प्राणघातक व्याधि है। अनेक वैज्ञानिक अनुसंधानों एवं अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के बाद भी यह रोग सम्पूर्ण विश्व के समक्ष एक चुनौती बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर मलेरिया की रोकथाम एवं जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व मलेरिया दिवस पर जागरूक…
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जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन,
साँसों में पाता जन्म पवन,
पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर,
हँसने लगती है सृष्टि उधर !
मैं जभी मूँदता हूँ लोचन,
छा जाता चारों ओर मरण।

अपनी दिव्य रचनाधर्मिता और सृजनशीलता से हिंदी साहित्य में राष्ट्रवाद की चिंगारी पैदा करने वाले युग प्रवर्तक साहित्यकार…

जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन, साँसों में पाता जन्म पवन, पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर, हँसने लगती है सृष्टि उधर ! मैं जभी मूँदता हूँ लोचन, छा जाता चारों ओर मरण। अपनी दिव्य रचनाधर्मिता और सृजनशीलता से हिंदी साहित्य में राष्ट्रवाद की चिंगारी पैदा करने वाले युग प्रवर्तक साहित्यकार…
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“सा प्रथमा संस्कृतिर्विश्ववारा” *यजुर्वेद*

भारतवर्ष की कालजयी सनातन वैदिक संस्कृति एवं उसमें अंतर्निहित दिव्य पारमार्थिक जीवनमूल्यों को समृद्ध करने हेतु गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक है। गावों के सशक्तिकरण का अर्थ राष्ट्र निर्माण ही है।भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन (Rural…

“सा प्रथमा संस्कृतिर्विश्ववारा” *यजुर्वेद* भारतवर्ष की कालजयी सनातन वैदिक संस्कृति एवं उसमें अंतर्निहित दिव्य पारमार्थिक जीवनमूल्यों को समृद्ध करने हेतु गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक है। गावों के सशक्तिकरण का अर्थ राष्ट्र निर्माण ही है।भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन (Rural…
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येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः। ते मृत्युलोके भुविभारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।।

अच्छी पुस्तकें जीवन का अभिन्न अंग बनें और उनका स्वाध्याय करें। शास्त्रों ने मृत्यु के अनेक कारण और प्रकार बताए हैं, उनमें से स्वाध्याय और सद्विचारों का अभाव भी मृत्यु…

येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः। ते मृत्युलोके भुविभारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।। अच्छी पुस्तकें जीवन का अभिन्न अंग बनें और उनका स्वाध्याय करें। शास्त्रों ने मृत्यु के अनेक कारण और प्रकार बताए हैं, उनमें से स्वाध्याय और सद्विचारों का अभाव भी मृत्यु…
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कृतं हनुमता कार्यं सुमहद् भुवि दुर्लभम्।
मनसाऽपि यदन्येन न शक्यं धरणितले॥

हनुमान स्वयं महादेव हैं। वेद की ऋचाओं एवं श्रीमद्बाल्मिकीरामायण साहित्य अनेक पौराणिक ग्रंथों में श्री हनुमान जी की दिव्य सामर्थ्य और सद्गुणों की चर्चा है। 'हनु शब्दो ज्ञानवाचि हनुमान् मतिशब्दितः'
जिनके…

कृतं हनुमता कार्यं सुमहद् भुवि दुर्लभम्। मनसाऽपि यदन्येन न शक्यं धरणितले॥ हनुमान स्वयं महादेव हैं। वेद की ऋचाओं एवं श्रीमद्बाल्मिकीरामायण साहित्य अनेक पौराणिक ग्रंथों में श्री हनुमान जी की दिव्य सामर्थ्य और सद्गुणों की चर्चा है। 'हनु शब्दो ज्ञानवाचि हनुमान् मतिशब्दितः' जिनके…
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परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः ।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम् ॥

सेवा और समर्पण भारतीय संस्कृति की अत्यंत सुदीर्घ अभिव्यक्तियाँ हैं। सेवा, औदार्य एवं परोपकार की प्रवृत्तियाँ जीवन में दैवत्व का आरोहण करती हैं । प्रकृति कितनी उदारता पूर्वक हमें…

परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः । परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम् ॥ सेवा और समर्पण भारतीय संस्कृति की अत्यंत सुदीर्घ अभिव्यक्तियाँ हैं। सेवा, औदार्य एवं परोपकार की प्रवृत्तियाँ जीवन में दैवत्व का आरोहण करती हैं । प्रकृति कितनी उदारता पूर्वक हमें…
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यस्यां समुद्र उत सिन्धुरापो यस्यामन्नं कृष्टयः संभुवुः।यस्यामिदं जिन्वति प्राणदेत्सा नो भूमिः पूर्वपेये दधातु ॥
“भूमि सूक्त”

पृथ्वी का आशय मातृत्त्व भाव में व्यापकता एवं विस्तार से है | एतदर्थ वेद , उपनिषद् और पुराणादि कई प्रसंगों में इसके मातृत्व के गुणों की उद्घोषणायें निहित…

यस्यां समुद्र उत सिन्धुरापो यस्यामन्नं कृष्टयः संभुवुः।यस्यामिदं जिन्वति प्राणदेत्सा नो भूमिः पूर्वपेये दधातु ॥ “भूमि सूक्त” पृथ्वी का आशय मातृत्त्व भाव में व्यापकता एवं विस्तार से है | एतदर्थ वेद , उपनिषद् और पुराणादि कई प्रसंगों में इसके मातृत्व के गुणों की उद्घोषणायें निहित…
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नैतिकता, सत्यनिष्ठा और पारमार्थिक भावना जीवन उत्कर्ष के स्वाभाविक साधन हैं, जो हमें आध्यात्मिक मूल्यों से आप्लावित कर जीवन सिद्धि और श्रेष्ठता की आधारशिला तैयार करते हैं। सदाचार के साथ सद्विचारों का संग्रहण ही सर्वथा श्रेयस्कर है।

Morality, integrity and altruism are the…

नैतिकता, सत्यनिष्ठा और पारमार्थिक भावना जीवन उत्कर्ष के स्वाभाविक साधन हैं, जो हमें आध्यात्मिक मूल्यों से आप्लावित कर जीवन सिद्धि और श्रेष्ठता की आधारशिला तैयार करते हैं। सदाचार के साथ सद्विचारों का संग्रहण ही सर्वथा श्रेयस्कर है। Morality, integrity and altruism are the…
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देश की प्रशासनिक व्यवस्था नीति निर्धारण , क्रियान्वयन से लेकर भारतीय शासन तंत्र के मेरूदंड के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाली देश की बौद्धिक संपदा के रूप में लोकसेवकों के योगदान का स्मरण करने के लिए मनाए जाने वाले राष्ट्रीय लोकसेवा दिवस की हार्दिक शुभेच्छा ।

Heartiest greetings…

देश की प्रशासनिक व्यवस्था नीति निर्धारण , क्रियान्वयन से लेकर भारतीय शासन तंत्र के मेरूदंड के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाली देश की बौद्धिक संपदा के रूप में लोकसेवकों के योगदान का स्मरण करने के लिए मनाए जाने वाले राष्ट्रीय लोकसेवा दिवस की हार्दिक शुभेच्छा । Heartiest greetings…
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प्रकृति और पर्यावरण ही जीवन के अस्तित्व का मूल आधार हैं । स्वच्छ और हरितिमा संपन्न सुंदर परिवेश द्वारा ही निरापद, स्वस्थ सामर्थ्यवान और श्रेष्ठ जीवन की समस्त संभावनाएँ साकार होती हैं | अतः जलस्रोतों को स्वच्छ संरक्षित रखें एवं वृक्षारोपण के प्रति सहजता पैदा करें ।

Nature and…

प्रकृति और पर्यावरण ही जीवन के अस्तित्व का मूल आधार हैं । स्वच्छ और हरितिमा संपन्न सुंदर परिवेश द्वारा ही निरापद, स्वस्थ सामर्थ्यवान और श्रेष्ठ जीवन की समस्त संभावनाएँ साकार होती हैं | अतः जलस्रोतों को स्वच्छ संरक्षित रखें एवं वृक्षारोपण के प्रति सहजता पैदा करें । Nature and…
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त्वमेव जगतामीशो यन्नामास्ति परात्परः ।
त्वद्रूपमखिलं तस्मात्पुत्रान्मे पाहि श्रीहरे ॥

हृदय की क्षुद्र दौर्बल्यता एवं वैचारिक संकीर्णता हमारे दिव्य जीवन व कीर्ति के विस्तार की संभावनाओं को संकुचित कर देती हैं।व्यक्तित्व के संपूर्ण परिष्करण निमित्त सेवा, औदार्य और वैचारिक…

त्वमेव जगतामीशो यन्नामास्ति परात्परः । त्वद्रूपमखिलं तस्मात्पुत्रान्मे पाहि श्रीहरे ॥ हृदय की क्षुद्र दौर्बल्यता एवं वैचारिक संकीर्णता हमारे दिव्य जीवन व कीर्ति के विस्तार की संभावनाओं को संकुचित कर देती हैं।व्यक्तित्व के संपूर्ण परिष्करण निमित्त सेवा, औदार्य और वैचारिक…
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लीवर का रोग जब तक जटिल न हो या यकृत क्षतिग्रस्त न हो जाए तब तक उनकी विकृति का पता नही लगता। शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लीवर का स्वस्थ रहना आवश्यक है। संतुलित आहार विहार और प्राकृतिक जीवन शैली द्वारा स्वयं को स्वस्थ रखें।

Liver disease is not detected until it becomes…

लीवर का रोग जब तक जटिल न हो या यकृत क्षतिग्रस्त न हो जाए तब तक उनकी विकृति का पता नही लगता। शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लीवर का स्वस्थ रहना आवश्यक है। संतुलित आहार विहार और प्राकृतिक जीवन शैली द्वारा स्वयं को स्वस्थ रखें। Liver disease is not detected until it becomes…
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सशक्त राष्ट्र के निर्माण एवं श्रेष्ठ भविष्य के सृजन के लिए समर्थ व योग्य जनप्रतिनिधियों का चयन हमारा कर्तव्य है। आइए जागरूक बनें और राष्ट्रहित में अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें । आज कनखल हरिद्वार में लोकतंत्र के उत्सव मतदान दिवस पर अपने नागरिक धर्म का अनुपालन करते हुए मतदान…

सशक्त राष्ट्र के निर्माण एवं श्रेष्ठ भविष्य के सृजन के लिए समर्थ व योग्य जनप्रतिनिधियों का चयन हमारा कर्तव्य है। आइए जागरूक बनें और राष्ट्रहित में अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें । आज कनखल हरिद्वार में लोकतंत्र के उत्सव मतदान दिवस पर अपने नागरिक धर्म का अनुपालन करते हुए मतदान…
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योऽन्त: प्रविश्य मम वाचमिमां प्रसुप्तां सञ्जीवयत्यखिलशक्तिधर: स्वधाम्ना ।
अन्यांश्च हस्तचरणश्रवणत्वगादीन्
प्राणान्नमो भगवते पुरुषाय तुभ्यम् ।।

भगवत्प्राप्ति के अनेक उपादानों में से सेवा और ईष्ट के प्रति सर्वतोभावेन समर्पण ही श्रेष्ठ माने गए हैं। सेवा व समर्पण के बिना कर्तापन…

योऽन्त: प्रविश्य मम वाचमिमां प्रसुप्तां सञ्जीवयत्यखिलशक्तिधर: स्वधाम्ना । अन्यांश्च हस्तचरणश्रवणत्वगादीन् प्राणान्नमो भगवते पुरुषाय तुभ्यम् ।। भगवत्प्राप्ति के अनेक उपादानों में से सेवा और ईष्ट के प्रति सर्वतोभावेन समर्पण ही श्रेष्ठ माने गए हैं। सेवा व समर्पण के बिना कर्तापन…
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अध्यात्म संपन्न साधक की समस्त सांसारिक एषणायें, प्रवृत्तियाँ शांत, अंतर्मुखी और स्थिर हो जाती हैं। शांति का मूल आधार केवल आध्यात्मिक विचार ही है।संसार के त्रिविध तापों और क्लेशों में उलझा मनुष्य अशांत, व्यग्र, असहज, असंतुलित, अत्यन्त विचलित रहता है। इसका एक ही कारण है कि, उसके…

अध्यात्म संपन्न साधक की समस्त सांसारिक एषणायें, प्रवृत्तियाँ शांत, अंतर्मुखी और स्थिर हो जाती हैं। शांति का मूल आधार केवल आध्यात्मिक विचार ही है।संसार के त्रिविध तापों और क्लेशों में उलझा मनुष्य अशांत, व्यग्र, असहज, असंतुलित, अत्यन्त विचलित रहता है। इसका एक ही कारण है कि, उसके…
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