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Pragya Aryaa

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ईशावास्य मिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्।।🔥 ―(यजुर्वेद 40/01)

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calendar_today18-10-2021 19:47:37

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🔥यज्ञ से प्रदूषण कदापि नही होता।जितना ऑक्सीजन खर्च होता है उससे कहीं ज्यादा बढ़ता है। प्रदूषण दूर होता है।

🔥यज्ञ पूर्णतः वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

“यज्ञो वै श्रेष्ठतम कर्म”

🔥यज्ञ से श्रेष्ठ कोई कार्य नही है।
यज्ञ केवल कर्मकाण्ड ही नही बल्कि चिकित्सा पद्धति भी है।

🔥यज्ञ से प्रदूषण कदापि नही होता।जितना ऑक्सीजन खर्च होता है उससे कहीं ज्यादा बढ़ता है। प्रदूषण दूर होता है। 🔥यज्ञ पूर्णतः वैज्ञानिक प्रक्रिया है। “यज्ञो वै श्रेष्ठतम कर्म” 🔥यज्ञ से श्रेष्ठ कोई कार्य नही है। यज्ञ केवल कर्मकाण्ड ही नही बल्कि चिकित्सा पद्धति भी है।
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🔥यज्ञ करते समय जो हम विभिन्न मंत्रोच्चार करते है उसका हमारे मन,मस्तिष्क पर विशेष प्रभाव डालती है।साथ साथ वातावरण को भी शुद्ध करती है

🔥यज्ञ को हवि भी कहते हैं जिसका अर्थ है विष को हरने वाला।विज्ञान के सिद्धान्त के अनुसार कोई भी पदार्थ नष्ट नही होता,हां उसका रूप बदला जा सकता है।

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🔥हवन सामग्री गाय का देशी घी आदि जो हम अग्नि पर डालते है हवन के लिए वे वास्तव मे
औषधिया है,जलने से नष्ट नही होती बल्कि दूसरे रूप मे परिवर्तित होती हैऔर सूक्ष्म रूप मे हमे प्राप्त होती है।

जब एलोपैथ नही था तो प्राचीन काल में आयुर्वेद था,इन्ही वनस्पतियों से ही चिकित्सा की जाती थी।

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🔥जब ये औषधियां हवन कुण्ड में जलायी जाती हैं तो ये परमाणु रूप मे सांस के माध्यम से एक नही बल्कि अनेको जीव जंतुओं तक पहुचती हैं।जिससे परोपकार भी होता है।

🔥यज्ञ में होने वाली रासायनिक क्रियाएँ निम्न हैं...

1.ज्वलन ( combustion)
2. ऊर्ध्वपातन ( sublimation)
3. धूनी (Fumigation)

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ये सभी रासायनिक क्रियाएँ हमारे लिए लाभकारी ही हैं।
इनमे ज्वलन (combustion) अभिक्रिया के दौरान गाय का घी ( जिसमे लगभग 8% संतृप्त saturated fatty acids तथा triglycerides, diglycerides, monoglyceride)
ज्वलन को तेज करता है जिससे complete cumbustion हो सके।

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🔥fatty acid के combustion के दौरान CO2 और H2O निकलती है। complete combustion से CO2 भी बहुत कम हो जाता है।
Glycerol के combustion में pyruvic acid और Glyoxal (C2H2O2)बनता है। pyruvic acid हमारे metabolism को बढ़ाता है।और glyoxal बैक्टेरिया को ख़त्म करता है।

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🔥इनके आलावा combustion के दौरान जो हाइड्रोकार्बन बनते है वे पुनः स्लो combustion रिएक्शन होता है और methyle, ethyle alcohol,फार्मिक एसिड &
फार्मेल्डिहाइड आदि बनता है

जोकि वायु को सुगन्धित करता है और कीटाणुनाशक ही है।यही तक कि H1N1 वायरस को भी समाप्त करने की क्षमता भी यज्ञ मेहै।

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🔥अब आप सोच रहे होंगे की जब ज्वलन होता है तो ऑक्सीजन खर्च होती है ।एक तरह से हम पर्यावरण को नुक्सान पहुचाते हैं,

🔥तो आप गलत हैं➡️
यज्ञ ही वह प्रक्रिया है जिसमे ऑक्सीजन खर्च तो होता है पर ऑक्सीजन बनती भी है।क्यों की इसमें CO2 के साथ -साथ वाष्प(H2O) भी बनती है।

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🔥देखिये➡️
CO2 + H2O (g) +112000 cal = HCHO (farmaldehyde) +O2(ऑक्सीजन)

इस प्रकार यज्ञ करने से ऑक्सीजन खर्च नही बल्कि प्रोड्यूस होती है बनती है।
साथ ही साथ अन्य रासायनिक क्रियाओं से बने gaseous प्रोडक्ट्स से पर्यावरण शुद्ध होता है।एवं हमें स्वास्थ्य लाभ भी होता है।

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साथ ही अग्निहोत्र का अवशेष भस्म हमारी मिटटी की उर्वरकता बढाती है।अतः यज्ञ से कोई नुक्सान नही बल्कि लाभ ही लाभ है।

जो व्यक्ति यज्ञ से शुद्ध किये हुए अन्न, जल और पवन आदि 'पदार्थों का भोजन करते हैं वे निरोग होकर बुद्धि, बल, आरोग्य और दीर्घायु वाले होते हैं। -महर्षि दयानंद जी

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