महान गांधीवादी धरमपाल जी की एक पुस्तक में 1820 में थॉमस मुनरो द्वारा किए गए एक राष्ट्रीय शिक्षा सर्वे का ब्योरा है।
इसमें लिखा गया है कि जो गांव के मंदिर होते थे, वे सिर्फ पूजापाठ की जगह नहीं होते थे, बल्कि शिक्षा को बढ़ावा देने के अत्यंत पवित्र कार्य से जुड़े रहते थे।