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Sanket Kamble

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वैक्सीन सर्टिफिकेट से मोदी जी ने अपना फोटो नहीं उतारना था.

लेकीन मोदी व भाजपा इतने डरे हुए है कि लोक सभा चुनाव में वह किसी भी तरह की जोखिम लेना नहीं चाहते, जिससे लोग उनके विरोध में चले जाये. वैसे लोग तो उनके विरोध में पहले से ही है, बस की वजह से उन्हें हटा नहीं पा रहे.

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लोकतंत्र सभी को जाति, धर्म, रंग, वंश, जन्म स्थल से उपर उठकर, किसी प्रकार का भेदभाव किए बिना अवसर की समानता देता है.

जैसे ब्राह्मण चाहते है कि, लोकतंत्र ख़त्म हो जाये और पुरी तरह से देश में ब्राह्मणतंत्र लागू हो जाये.

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यही तो लोकतंत्र की खुबसुरती है कि, वह हर इंसान को बराबरी का हक देता है. लेकीन ब्राह्मण लोकतंत्र को नहीं, ब्राह्मणतंत्र को मानते है.

इसिलिए बाबासाहब डा. अम्बेडकर ने कहा था, हम राजनीतिक रुप से समान हो गए, मगर सामाजिक और आर्थिक समानता अभी बाकी है.

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पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ, एक्स(ट्विटर) पर ब्राह्मण मेरी पोस्ट पर आकर मुझे गालियों से नवाज़ रहे है. इसका मतलब है कि मेरे तीर निशाने पर लग रहे है.

पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ, एक्स(ट्विटर) पर ब्राह्मण मेरी पोस्ट पर आकर मुझे गालियों से नवाज़ रहे है. इसका मतलब है कि मेरे तीर निशाने पर लग रहे है. #X #आओ_ब्राह्मणों
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भारत को 1 ट्रिलियन की जीडीपी हासिल करने में 60 साल लगे, तो चीन ने यह काम केवल मात्र 49 सालों में ही कर दिखाया. भारत से 11 साल पहले.

इसका मौलिक कारण यह है कि चीन में वहां के ही मुलनिवासियों की सत्ता थी, लेकीन भारत पर विदेशी ब्राह्मणों की सत्ता थी और आज भी है.

भारत को 1 ट्रिलियन की जीडीपी हासिल करने में 60 साल लगे, तो चीन ने यह काम केवल मात्र 49 सालों में ही कर दिखाया. भारत से 11 साल पहले. इसका मौलिक कारण यह है कि चीन में वहां के ही मुलनिवासियों की सत्ता थी, लेकीन भारत पर विदेशी ब्राह्मणों की सत्ता थी और आज भी है. #IndiaGDP
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संविधान बाद में बचाइये महाराज, पहले वोट तो बचा लिजिए...
से वोट की चोरी हो रही है, उसे तो बचाने के लिए कुछ कर नहीं रहे हो और संविधान बचाने की ललकार भरते हो...

यदि वोट नहीं बचाओगे तो सत्ता में नहीं आओगे, और जब सत्ता में ही नहीं आओगे तो संविधान कैसे बचाओगे???
Congress

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‘आज़ादी’ जंग है, शौक नहीं.
शौक में तो सिर्फ़ वक्त कटता है,
जंग में गर्दन भी कट सकती है.

‘आज़ादी’ जंग है, शौक नहीं. शौक में तो सिर्फ़ वक्त कटता है, जंग में गर्दन भी कट सकती है. #HeeraMandi
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पिछले 75 वर्षों में 70-72 वर्षों तक केंद्रीय सत्ता पर काँग्रेसी या भाजपाई ब्राह्मणों का नियंत्रण रहा है. बीछ के 3-5 वर्षों तक गैर-काँग्रेसी व गैर-भाजपाई सरकारें बनी है.

इसलिए ये कहा जा सकता है कि देश का अब तक जो नहीं हुआ उसके लिए काँग्रेसी व भाजपाई ब्राह्मण जिम्मेदार है.

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दुनिया की सर्वश्रेष्ठ इंजिनियरिंग विश्वविद्यालय की सुची में भारत की एक भी युनिवर्सिटी नहीं है.

इसे कहते है पिछले 75 सालों का ... जो काँग्रेस और भाजपा ने मिलकर किया है.

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पहली बात, हम Neo Converted नहीं है. हमने हमारा मूल धर्म स्विकार है, जिसे ब्राह्मणों ने हिंसा का सहारा लेकर खत्म करने की कोशिश की थी.

दुसरी बात, भारत में कोई भी हिंदु नहीं है. स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी किताब ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में लिखा है, ‘हिंदु मुगलों ने दी हुई गालि है.’

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आदिवासी किसी भी मायने में ब्राह्मण धर्म को नहीं मानते, न उनके देवों को, न मुर्तियों को और न ही धर्म ग्रंथों को. वे तो प्रकृति के पुजक होते है.

चुनाव से पहले President of India द्रौपदी मुर्मू जी से राम लल्ला की पुजा कराना आदिवासियों का ब्राह्मणीकरण व उनके वोट लेने की साजिश है.

आदिवासी किसी भी मायने में ब्राह्मण धर्म को नहीं मानते, न उनके देवों को, न मुर्तियों को और न ही धर्म ग्रंथों को. वे तो प्रकृति के पुजक होते है. चुनाव से पहले @rashtrapatibhvn द्रौपदी मुर्मू जी से राम लल्ला की पुजा कराना आदिवासियों का ब्राह्मणीकरण व उनके वोट लेने की साजिश है.
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राजस्थान में जिस तरह अत्याचार बढ़ा है, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस्तीफा देना चाहिए !

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी अंतिम नहीं होता. उसकी भी समीक्षा की जा सकती है. उसे सुप्रीम कोर्ट खुद बदल सकता है या फिर संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदला जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में बैठे न्यायाधीश कोई ख़ुदा नहीं है.

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ब्राह्मण काँग्रेस का हो या भाजपा का, हर पल संविधान के विरोध में काम करते है. और आप है कि उसी संविधान का हवाला दे रहे हो...

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हम भी मानते है कि ब्राह्मण भारत के नागरिक है, पर वे DNA के आधार पर भारत के मूलनिवासी नहीं है.

रही बात संविधान की तो ब्राह्मण उसी संविधान के विरोध में कारवाई करते है, जिन्होंने उन्हें नागरिकता दी है और ऐसा करके वे खुद बताते है कि वे संविधान को नहीं मानते, क्योंकि वे विदेशी है.

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