Bodh Pratyusha (04-05-2024)
(Shunyata Saptati : छंद=14)
संग आचार्य प्रशांत Acharya Prashant
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▶️🔺 अहम
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अपूर्णता
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युग-युग को पार कर आया आषाढ़ आज मन में,
बजता है किस कवि का छंद आज घन में !
धूल हुई मालाएँ जो थीं मिलन की,
गंध बही आती है उनकी पवन में !
#रवींद्रनाथ_टैगोर (अनूदित)
#जन्मजयंती 💐 #लेखनी ✍️
अपने साहेब के लिए प्रख्यात इतिहासकार, पत्रकार और शिक्षाविद श्री Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک जी द्वारा एक छोटा सा छंद