#मेरी_रचनाएँ ✍️
#वियोग_में_हूँ ❣️
बहती हवा में,
तुम्हारे केशों की सुगंध,
अचेतन करने वाला वो
तुम्हारा रूप-रंग,
अठखेलियाँ करतीं
तुम्हारी किलकारियां,
मुस्कुराते हुए पड़ते,
गालों में गड्ढों के चिन्ह,
आज भी मेरे हृदय में,
हैं तुम्हारी स्मृतियां,
अशोक स्तम्भ जैसे,
संभवतः हृदय के
कोर