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निर्मल जी को सबकुछ कैसे पता था?

'यह भयानक है, जब लेखक लिखना बंद कर देता है। उसके पास दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रहता, सिवा अपने चेहरे के!

~ निर्मल वर्मा
'धुन्ध से उठती धुन'

निर्मल जी को सबकुछ कैसे पता था?

'यह भयानक है, जब लेखक लिखना बंद कर देता है। उसके पास दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रहता, सिवा अपने चेहरे के!

~ निर्मल वर्मा
'धुन्ध से उठती धुन'

#vani #readwithvani #nirmalsahitya #dhundhseuthtidhun #nirmalverma #author #hindisahitya #diary
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Vani Prakashan(@Vani_Prakashan) 's Twitter Profile Photo

यह भयानक है, जब लेखक लिखना बंद कर देता है। उसके पास दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रहता, सिवा अपने चेहरे के!

~ निर्मल वर्मा
'धुन्ध से उठती धुन'

किताब लिंक- amazon.in/Dhundh-Uthati-…

यह भयानक है, जब लेखक लिखना बंद कर देता है। उसके पास दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रहता, सिवा अपने चेहरे के!

~ निर्मल वर्मा
'धुन्ध से उठती धुन'

किताब लिंक- amazon.in/Dhundh-Uthati-…

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Vimal Yaduvanshi(@VimalYaduvans12) 's Twitter Profile Photo

निर्मल जी को सबकुछ कैसे पता था?

'यह भयानक है, जब लेखक लिखना बंद कर देता है। उसके पास दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रहता, सिवा अपने चेहरे के!

~ निर्मल वर्मा
'धुन्ध से उठती धुन'

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Puja Upadhyay(@pujaupadhyay_) 's Twitter Profile Photo

2.
किंतु जब हम दुबारा प्रेम करने लगते हैं तो पता चलता है, कि जब हम जागे थे, तो इसलिए कि दूसरा व्यक्ति हमारा स्वप्न छोड़कर अपने यथार्थ में चला गया है - और हम बत्ती बुझाकर नए सिरे से दूसरा स्वप्न देखने लगते हैं...

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Puja Upadhyay(@pujaupadhyay_) 's Twitter Profile Photo

3.
जिसे हम जाग्रतावस्था कहते हैं - वे सिर्फ़ पीड़ा के क्षण हैं - दो प्रेम-स्वप्नों के बीच।

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