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कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार में सत्य-आचरण करने वाले व्यक्ति को जब सत्य-आचरण करने वाला व्यक्ति ही मिलता है, तो उनमें बहुत अधिक प्रेम भाव की वृद्धि हो जाती है, परंतु जब झूठे मनुष्य को सच्चा मनुष्य मिलता है, तो प्रेम शीघ्र ही टूट जाता है।


कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार में सत्य-आचरण करने वाले व्यक्ति को जब सत्य-आचरण करने वाला व्यक्ति ही मिलता है, तो उनमें बहुत अधिक प्रेम भाव की वृद्धि हो जाती है, परंतु जब झूठे मनुष्य को सच्चा मनुष्य मिलता है, तो प्रेम शीघ्र ही टूट जाता है।

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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जो लोक-लाज के कारण सत्य नहीं बोलता, उसने तो जान-बूझकर सत्य रुपी कंचन को त्याग कर, असत्य रुपी कांच को क्यों पकड़ लिया है अर्थात दूसरों की देखा-देखी कभी भी सत्य को नहीं छोड़ना चाहिए!


कबीर साहेब जी कहते हैं कि जो लोक-लाज के कारण सत्य नहीं बोलता, उसने तो जान-बूझकर सत्य रुपी कंचन को त्याग कर, असत्य रुपी कांच को क्यों पकड़ लिया है अर्थात दूसरों की देखा-देखी कभी भी सत्य को नहीं छोड़ना चाहिए!

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Tukaram Das(@TukaramDas5) 's Twitter Profile Photo

Sant Rampal Ji Maharaj
बुद्धिमान को चाहिए कि सोच विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता।

#सत_भक्ति_संदेश़ #SatlokAshramMundka @SaintRampalJiM 
बुद्धिमान को चाहिए कि सोच विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता।
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विवाह के पश्चात् पति-पत्नी का कर्तव्य बन जाता है कि एक-दूसरे पर अपना विश्वास कायम रखें।


विवाह के पश्चात् पति-पत्नी का कर्तव्य बन जाता है कि एक-दूसरे पर अपना विश्वास कायम रखें।

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बेटियों तथा बेटों को चाहिए कि अपने माता-पिता जी की इच्छानुसार विवाह करें। प्रेम विवाह महाक्लेश का कारण बन जाता है। जैसे भगवान शिव जी और पार्वती जी का किसी बात पर मन-मुटाव हो गया। उस प्रेम विवाह ने कैसा घमासान मचाया।


बेटियों तथा बेटों को चाहिए कि अपने माता-पिता जी की इच्छानुसार विवाह करें। प्रेम विवाह महाक्लेश का कारण बन जाता है। जैसे भगवान शिव जी और पार्वती जी का किसी बात पर मन-मुटाव हो गया। उस प्रेम विवाह ने कैसा घमासान मचाया।

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Vitthal Bhosale(@Vitthal5265408) 's Twitter Profile Photo

कबीर साहेब जी कहते हैं कि हे साधु-संतो ! सुनो। जिस प्रकार भी गुरु से श्रद्धा-प्रीत हो, वही उपाय करो, क्योंकि जीवन के परम उद्देश्य आत्मबोध का यही उपाय है!


कबीर साहेब जी कहते हैं कि हे साधु-संतो ! सुनो। जिस प्रकार भी गुरु से श्रद्धा-प्रीत हो, वही उपाय करो, क्योंकि जीवन के परम उद्देश्य आत्मबोध का यही उपाय है!

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कबीर साहेब जी कहते हैं कि ऐसा सच्चा होने से कोई लाभ नहीं, जो सद्‌गुरु के सत्य-नाम के ज्ञान को नहीं जानता, तो कुछ नहीं जानता। जो सत्य-आचरण की साधना से सत्य का दर्शन करता है, वह सत्य में ही समा जाता है!

#सत_भक्ति_संदेश़ कबीर साहेब जी कहते हैं कि ऐसा सच्चा होने से कोई लाभ नहीं, जो सद्‌गुरु के सत्य-नाम के ज्ञान को नहीं जानता, तो कुछ नहीं जानता। जो सत्य-आचरण की साधना से सत्य का दर्शन करता है, वह सत्य में ही समा जाता है!
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Dhiraj Mali(@dhirajkumar345) 's Twitter Profile Photo


बेटियों तथा बेटों को चाहिए कि अपने माता-पिता जी की इच्छानुसार विवाह करें। प्रेम विवाह महाक्लेश का कारण बन जाता है। जैसे भगवान शिव जी और पार्वती जी का किसी बात पर मन-मुटाव हो गया। उस प्रेम विवाह ने कैसा घमासान मचाया।

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बेटियों तथा बेटों को चाहिए कि अपने माता-पिता जी की इच्छानुसार विवाह करें। प्रेम विवाह महाक्लेश का कारण बन जाता है। जैसे भगवान शिव जी और पार्वती जी का किसी बात पर मन-मुटाव हो गया। उस प्रेम विवाह ने कैसा घमासान मचाया।

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Shekhar Lanjewar(@ShekharLanjewa3) 's Twitter Profile Photo

कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार में अधिकतर लोग सत्य के महत्त्व को न जानकर, सत्य में विश्वास नहीं करते और लोग झूठ में ही विश्वास करते हैं। जैसे दूध-दही तो गली-गली में घूमकर बेचना पड़ता है, परंतु मदिरा तो दुकान पर बैठे-बैठे ही बिक जाती है।


कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार में अधिकतर लोग सत्य के महत्त्व को न जानकर, सत्य में विश्वास नहीं करते और लोग झूठ में ही विश्वास करते हैं। जैसे दूध-दही तो गली-गली में घूमकर बेचना पड़ता है, परंतु मदिरा तो दुकान पर बैठे-बैठे ही बिक जाती है।

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Reena Patidar(@Reenapatid57461) 's Twitter Profile Photo

विवाह के पश्चात् पति-पत्नी का कर्तव्य बन जाता है कि एक-दूसरे पर अपना विश्वास कायम रखें।


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विवाह के पश्चात् पति-पत्नी का कर्तव्य बन जाता है कि एक-दूसरे पर अपना विश्वास कायम रखें।

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सती स्त्री उसको कहते हैं जो अपने पति से लगाव रखे। अपने पति के अतिरिक्त संसार के अन्य पुरुषों को आयु अनुसार पिता, भाई तथा पुत्र के भाव से देखे यानि बरते। अपने पति की आज्ञा में रहे। मन-तन से सेवा करे, कोई कार्य पति के विपरीत न करे।


सती स्त्री उसको कहते हैं जो अपने पति से लगाव रखे। अपने पति के अतिरिक्त संसार के अन्य पुरुषों को आयु अनुसार पिता, भाई तथा पुत्र के भाव से देखे यानि बरते। अपने पति की आज्ञा में रहे। मन-तन से सेवा करे, कोई कार्य पति के विपरीत न करे।

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Santosh Kakrod(@Santosh75396723) 's Twitter Profile Photo

Sant Rampal Ji Maharaj
बुद्धिमान को चाहिए कि सोच विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता।

#सत_भक्ति_संदेश़ #SatlokAshramMundka @SaintRampalJiM 
बुद्धिमान को चाहिए कि सोच विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता।
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𝐒𝐀𝐓𝐋𝐎𝐊 𝐀𝐒𝐇𝐑𝐀𝐌 𝐌𝐔𝐍𝐃𝐊𝐀(@sadelhimundka) 's Twitter Profile Photo

यति पुरूष उसको कहते हैं जो अपनी स्त्री के अतिरिक्त अन्य स्त्री में पति-पत्नी वाला भाव न रखें। परस्त्री को आयु अनुसार माता, बहन या बेटी के भाव से जानें।


यति पुरूष उसको कहते हैं जो अपनी स्त्री के अतिरिक्त अन्य स्त्री में पति-पत्नी वाला भाव न रखें। परस्त्री को आयु अनुसार माता, बहन या बेटी के भाव से जानें।

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Aakash khatri(@Aakashkhatri143) 's Twitter Profile Photo

कबीर साहेब जी कहते हैं कि जो लोक-लाज के कारण सत्य नहीं बोलता, उसने तो जान-बूझकर सत्य रुपी कंचन को त्याग कर, असत्य रुपी कांच को क्यों पकड़ लिया है अर्थात दूसरों की देखा-देखी कभी भी सत्य को नहीं छोड़ना चाहिए!


कबीर साहेब जी कहते हैं कि जो लोक-लाज के कारण सत्य नहीं बोलता, उसने तो जान-बूझकर सत्य रुपी कंचन को त्याग कर, असत्य रुपी कांच को क्यों पकड़ लिया है अर्थात दूसरों की देखा-देखी कभी भी सत्य को नहीं छोड़ना चाहिए!

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Sahiram kashyap(@KashyapSahiram) 's Twitter Profile Photo

इस संसार में स्वर्ण के समान तो केवल अंतर्यामी परमात्मा का ध्यान-भजन ही है और बाकी सब कांच के समान निर्थक है। कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार के सभी मिथ्या मोह-जंजाल, आडंबर आदि को छोड़कर केवल सत्य को धारण करो।


इस संसार में स्वर्ण के समान तो केवल अंतर्यामी परमात्मा का ध्यान-भजन ही है और बाकी सब कांच के समान निर्थक है। कबीर साहेब जी कहते हैं कि इस संसार के सभी मिथ्या मोह-जंजाल, आडंबर आदि को छोड़कर केवल सत्य को धारण करो।

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