Sweta Srivastava(@swetasamadhiya) 's Twitter Profile Photo

ये राजगीरा है।
इसे हमारी तरफ रामदाना कहते है तो पंजाब वाले चौलाई कहते है।
व्रत में इनका सबसे अधिक योगदान रहता है क्योंकि इनसे जहाँ पूजा में प्रसाद बनता है वही इनसे बनी चीजे व्रतधारियों का आहार बनता है।
लड्डू बनाकर खाइये या गुड़ मिलाकर यू ही फांका मार कर खाये, दूध में डालकर मीठा…

ये राजगीरा है।
इसे हमारी तरफ रामदाना कहते है तो पंजाब वाले चौलाई कहते है।
  व्रत में इनका सबसे अधिक योगदान रहता है क्योंकि इनसे जहाँ पूजा में प्रसाद बनता है वही इनसे बनी चीजे व्रतधारियों का आहार बनता है।
लड्डू बनाकर खाइये या गुड़ मिलाकर यू ही फांका मार कर खाये, दूध में डालकर मीठा…
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Harish Rawat(@harishrawatcmuk) 's Twitter Profile Photo

उत्तराखंड सरकार ने झंगोरा, गलगल, रामदाना जैसी पर्वतीय फसलों पर समर्थन मूल्य किया घोषित

उत्तराखंड सरकार ने झंगोरा, गलगल, रामदाना जैसी पर्वतीय फसलों पर समर्थन मूल्य किया घोषित #ProgressiveUttarakhand
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Himal Roots/पहाड़ की सम्पदा(@HimalRoots) 's Twitter Profile Photo

अहा रे...
किस भागी ने खाये होंगे पहले-पहल
भंगिरे की चटनी के साथ चुआ के लाल पराठे।
चुआ- रामदाना

अहा रे...
किस भागी ने खाये होंगे पहले-पहल
भंगिरे की चटनी के साथ चुआ के लाल पराठे।
चुआ- #Amaranthus रामदाना #Himalaya #Food
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Sir PaSe(@rranjan501) 's Twitter Profile Photo

पापा भूमि से भारी है। जरा पता करके बताओ कि रामदाना के लाई से हल्का क्या होता है।

इस देश में अनाज का नाम भी राम के नाम पर है। कण कण ही राम का है, तृण तृण में राम ही हैं।

प्रेम से बोलो सियापति रामचन्द्र की जय।

पापा भूमि से भारी है। जरा पता करके बताओ कि रामदाना के लाई से हल्का क्या होता है। 

इस देश में अनाज का नाम भी राम के नाम पर है। कण कण ही राम का है, तृण तृण में राम ही हैं। 

प्रेम से बोलो सियापति रामचन्द्र की जय।
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Harish Rawat(@harishrawatcmuk) 's Twitter Profile Photo


यूरोप के मार्केट व अमेरिका, पूरी दुनिया में , , की बड़ी मांग है और उत्तराखण्ड इसके स्वभाविक और उच्च हिमालयी क्षेत्र, इसकी उच्च बुआई के क्षेत्र हैं और इसको नुक्सान भी प्रारंभिक दिनों में.. 1/2

#हमने_किया_है_आगे_भी_करके_दिखाएंगे 
      यूरोप के मार्केट व अमेरिका, पूरी दुनिया में #मारसा, #चौलाई, #रामदाना की बड़ी मांग है और उत्तराखण्ड इसके स्वभाविक और उच्च हिमालयी क्षेत्र,  इसकी उच्च बुआई के क्षेत्र हैं और इसको नुक्सान भी प्रारंभिक दिनों में.. 1/2
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संतोष सिंह(@santoshsingh728) 's Twitter Profile Photo

ये “कुरुई“ है
इसी में बचपन में लाई चूड़ा, गट्टा, ढुनढा ,रामदाना, लाईपट्टी ,चिनियाबादाम, तिलवा और एक तिल वाली मिठाई आदि सुबह नहानें के बाद अन्न छूने के बाद मिलती थी तो महाराजा जैसी अनुभूति होती थी।
खिचड़ी की शुभकामनाएँ🙏

ये “कुरुई“ है
 इसी में बचपन में लाई चूड़ा, गट्टा, ढुनढा ,रामदाना, लाईपट्टी ,चिनियाबादाम, तिलवा और एक तिल वाली मिठाई आदि सुबह नहानें के बाद अन्न छूने के बाद मिलती थी तो महाराजा जैसी अनुभूति होती थी। 
खिचड़ी की शुभकामनाएँ🙏
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कृषि निदेशालय, झारखण्ड सरकार(@kccjharkhand) 's Twitter Profile Photo


कृषि कार्य
क ). खेत की तैयारी :- खेत को दो-तीन बार जुताई कर अच्छी तरह भुरभुरा व खरपतवार रहित बना लें l खेत में ढेले नहीं होने चाहिए l
ख ). बुआई का समय :- रामदाना की बुआई अक्टूबर के दूसरे पखवारा से नवंबर के दूसरे पखवारा तक कर देनी चाहिए l...(1/4)

#रामदाना_की_खेती
कृषि कार्य
क ). खेत की तैयारी :- खेत को दो-तीन बार जुताई कर अच्छी तरह भुरभुरा व खरपतवार रहित बना लें l खेत में ढेले नहीं होने चाहिए l
ख ). बुआई का समय :- रामदाना की बुआई अक्टूबर के दूसरे पखवारा से नवंबर के दूसरे पखवारा तक कर देनी चाहिए l...(1/4)
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Harish Rawat(@harishrawatcmuk) 's Twitter Profile Photo

मुख्यमंत्री Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) जी ने हमारी लगाई मडुवा बोनस, झुंगरा, मिर्च, राजमा, रामदाना, काले भट्ट, मोटे अनाज और मोटी दालों को बोनस देने का प्लान तो सूखने दिया। मेरा गांव मेरी सड़क, मेरा वृक्ष मेरा धन, मेरे बुजुर्ग हमारे तीर्थ, जैसी कई योजनाओं के प्राण उखाड़ कर फेंक दिये मगर...

मुख्यमंत्री @tsrawatbjp जी ने हमारी लगाई मडुवा बोनस, झुंगरा, मिर्च, राजमा, रामदाना, काले भट्ट, मोटे अनाज और मोटी दालों को बोनस देने का प्लान तो सूखने दिया। मेरा गांव मेरी सड़क, मेरा वृक्ष मेरा धन, मेरे बुजुर्ग हमारे तीर्थ, जैसी कई योजनाओं के प्राण उखाड़ कर फेंक दिये मगर...
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अनुराग Anurag(@anuragrbl) 's Twitter Profile Photo

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कुछ देसी त्यौहार मनाये जाते हैं जिनका प्रचलन कुछ ज़िलों तक सीमित है।
एसा ही आज एक त्यौहार “सकठ” है। जिसमें माँ अपने बच्चों के दीर्धायु होने के लिए व्रत रहती है और शाम को तिल, रामदाना, लाई, आटे के गुड पाग से लड्डू बनते हैं।

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कुछ देसी त्यौहार मनाये जाते हैं जिनका प्रचलन कुछ ज़िलों तक सीमित है। 
एसा ही आज एक त्यौहार “सकठ” है। जिसमें माँ अपने बच्चों के दीर्धायु होने के लिए व्रत रहती है और शाम को तिल, रामदाना, लाई, आटे के गुड पाग से लड्डू बनते हैं।
#ग्रामीण
#संस्कृति
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लोकतंत्र बचाओ गरीब बचाओ(@YadavSanjayKu15) 's Twitter Profile Photo

जौनपुर वाले इस बार सिर्फ साईकिल क बटन दबाओ विधायक नाई मुख्यमंत्री क लिए वोट कर बड़ा काम सिर्फ मुख्यमंत्री कई सकथेन विधायक सिर्फ रामदाना वाली गोली देथेन
अखिलेश भैया अपने ईहा सबसे बड़ा मेडिकल कालेज देहेन अबकी बार विकास के गंगा बही जौनपुर में 🙏 वोट🚵🚴 पे

pic.twitter.com/7K3yHx6mvg

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सहदेब पुरुलिया (SAHADEV , PURULIA)(@SAHADEVPARAMAN4) 's Twitter Profile Photo

चोलाई/ रामदाना मैं भरपूर कैल्शियम,
प्रोटीन ,रेशा तथा खनिज लवण जैसे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं। अतः इह शाकाहारियों हेतु विशेष लाभप्रद है।

चोलाई/ रामदाना मैं भरपूर कैल्शियम,
 प्रोटीन ,रेशा तथा खनिज लवण जैसे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं। अतः इह शाकाहारियों हेतु विशेष लाभप्रद है।
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