Bhagwa मिर्ची(@chatterchatru) 's Twitter Profile Photo

भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती।
तत्रापि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्॥

भारतीय संस्कृति की परिचायक, सभी भारतीय भाषा की जननी,संसारभर की भाषाओं में प्राचीनतम और समृद्धतम देवभाषासंस्कृत को विश्व पटल पर पहुँचाने में योगदान प्रदान करे।
संस्कृत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ..

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अध्यात्मन् #मोदीजी_का_परिवार(@ksv269) 's Twitter Profile Photo

बहवो यत्र वक्तार: सर्वे पण्डितमानिन: ।
सर्वे महत्त्वमिच्छन्ति वृंदं तन्नश्यति ध्रुवम्।।

बहवो यत्र वक्तार: सर्वे पण्डितमानिन: । 
सर्वे महत्त्वमिच्छन्ति वृंदं तन्नश्यति ध्रुवम्।। 
#सुभाषितम्
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अध्यात्मन् #मोदीजी_का_परिवार(@ksv269) 's Twitter Profile Photo

क्षणश: कणशश्चैवं विद्यामर्थं च चिन्तयेत्।
क्षणत्यागे कुतो विद्या कणत्यागे कुतो धनम्।।

क्षणश: कणशश्चैवं विद्यामर्थं च चिन्तयेत्। 
क्षणत्यागे कुतो विद्या कणत्यागे कुतो धनम्।। 
#सुष्ठु_भाषितम्_सुभाषितम्
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अध्यात्मन् #मोदीजी_का_परिवार(@ksv269) 's Twitter Profile Photo

रत्नैः महार्है तुतुषुर्न देवाः
न भेजिरे भीमविषेण भीतिम्।
सुधां विना न प्रययुर्विराम:
न निश्चितार्थाद्विरमन्ति धीराः।।
🌹🙏🌹ॐ🌹

रत्नैः महार्है तुतुषुर्न देवाः 
न भेजिरे भीमविषेण भीतिम्। 
सुधां विना न प्रययुर्विराम: 
न निश्चितार्थाद्विरमन्ति धीराः।। 
#सुप्रभ_प्रभातम्🌹🙏🌹ॐ🌹 
#सुभाषितम्
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श्री(@jaishree___) 's Twitter Profile Photo

'पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलम् अन्नम् सुभाषितम्। मूढ़ै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।

'पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलम् अन्नम् सुभाषितम्। मूढ़ै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।
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Moj Clips(@MojClips) 's Twitter Profile Photo

पृथ्वीयां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।

पृथ्वी पर तीन रत्न होते हैं – जल, अन्न और मधुर वचन ! लेकिन मूर्खों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों अर्थात हीरे-जवाहरात को ही रत्न का नाम दिया जाता है।

जय शिवशंकर
हर हर महादेव 🙏

पृथ्वीयां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।

पृथ्वी पर तीन रत्न होते हैं – जल, अन्न और मधुर वचन ! लेकिन मूर्खों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों अर्थात हीरे-जवाहरात को ही रत्न का नाम दिया जाता है।

जय शिवशंकर
हर हर महादेव 🙏
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PRATIBHA TRIPATHI(@nakshatr_nilyam) 's Twitter Profile Photo

‼️🌸🥀आज का चिंतन 🌸🥀‼️
❗️🌲सुभाषितम् 🌲❗️

पितरौ हि सदा वन्द्यौ न त्यजेदपराधिनौ।
पित्रा बद्धः शुनःशेपो ययाचे पितृदर्शनम्।।

माता-पिता सदा वन्दनीय हैं,भले ही वे अपराधी ही क्यों न हों। शुनःशेप को उसके पिता ने यूप में बांध दिया था, फिर भी बन्धन से मुक्ति के बाद…

‼️🌸🥀आज का चिंतन 🌸🥀‼️
      ❗️🌲सुभाषितम् 🌲❗️

पितरौ हि सदा वन्द्यौ  न  त्यजेदपराधिनौ। 
पित्रा बद्धः शुनःशेपो ययाचे पितृदर्शनम्।।

        माता-पिता सदा वन्दनीय हैं,भले ही वे अपराधी ही क्यों न हों। शुनःशेप को उसके पिता ने यूप में बांध दिया था, फिर भी बन्धन से मुक्ति के बाद…
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भारद्वाज (Modi Ka Parivar)(@Shiv007_108) 's Twitter Profile Photo

विषादप्यमृतं ग्राह्यं बालादपि सुभाषितम्।
अमित्रादपि सद्वृत्तं अमेध्यादपि काञ्चनम्॥

अगर हो सके तो विष से भी अमृत निकाल लें, यदि सोना गोबर में पड़ा हो तो भी उसे स्वीकार करें, शत्रु से भी अच्छे गुण अपनाए, तथा मूढ मनुष्य हो तब भी उस की अच्छी बात स्वीकार करें..!!

ॐ नमः शिवाय ❣️

विषादप्यमृतं ग्राह्यं बालादपि सुभाषितम्।
अमित्रादपि सद्वृत्तं अमेध्यादपि काञ्चनम्॥

अगर हो सके तो विष से भी अमृत निकाल लें, यदि सोना गोबर में पड़ा हो तो भी उसे स्वीकार करें, शत्रु से भी अच्छे गुण अपनाए, तथा मूढ मनुष्य हो तब भी उस की अच्छी बात स्वीकार करें..!!

ॐ नमः शिवाय ❣️
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भारतभूमी🇮🇳🚩 (Dictator का परिवार)(@Rightsidenitin) 's Twitter Profile Photo

संस्कृत भाषा दिवसाच्या हार्दिक शुभेच्छा 🙏

!! भाषासु मुख्या मधुरा गिर्वाणभारती
तत्रापी काव्यम् मधुरं तस्मादपी सुभाषितम् !!

- सर्व भाषांपैकी संस्कृत ही मुख्य, मधुर आणि दिव्य भाषा आहे, त्यामध्येही काव्य आणि काव्यातही सुभाषिते सर्वात जास्त मधुर आहेत

संस्कृत भाषा दिवसाच्या हार्दिक शुभेच्छा 🙏

!! भाषासु मुख्या मधुरा गिर्वाणभारती 
तत्रापी काव्यम् मधुरं तस्मादपी सुभाषितम्  !!

- सर्व भाषांपैकी संस्कृत ही मुख्य, मधुर आणि दिव्य भाषा आहे, त्यामध्येही काव्य आणि काव्यातही सुभाषिते सर्वात जास्त मधुर आहेत

#संस्कृतभाषा_दिवस
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CSU, Ekalavya Campus, Agartala(@csuagartala) 's Twitter Profile Photo

इन्द्रियाणामुदीर्णानां कामत्यागोऽप्रमादतः।अप्रवादोऽविहिंसा च ज्ञानयोनिरसंशयम्।

विषयों के प्रति दौड़ने वाली इन्द्रियों की भोग-कामनाओं का पूर्ण सावधानी के साथ त्याग कर देना, अप्रमाद तथा अहिंसा की प्रवृत्ति को अपनाना निश्चय ही तत्त्वज्ञान की उत्पत्ति में कारण होता है।

इन्द्रियाणामुदीर्णानां कामत्यागोऽप्रमादतः।अप्रवादोऽविहिंसा च ज्ञानयोनिरसंशयम्।

विषयों के प्रति दौड़ने वाली इन्द्रियों की भोग-कामनाओं का पूर्ण सावधानी के साथ त्याग कर देना, अप्रमाद तथा अहिंसा की प्रवृत्ति को अपनाना निश्चय ही तत्त्वज्ञान की उत्पत्ति में कारण होता है।
#सुभाषितम्
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PRATIBHA TRIPATHI(@nakshatr_nilyam) 's Twitter Profile Photo

‼️🌸🍁आज का चिंतन 🍁🌸‼️
❗️🌲सुभाषितम् 🌲❗️

न विश्वसेदविश्वस्ते विश्वस्ते नातिविश्वसेत्।
विश्वासाद् भयमभ्येति नापरीक्ष्य च विश्वसेत्।।

जो विश्वासपात्र नहीं है, उस पर कभी विश्वास न करे,परंतु जो विश्वासपात्र हैं, उनपर भी अधिक विश्वास न करे क्योंकि अधिक…

‼️🌸🍁आज का चिंतन 🍁🌸‼️
            ❗️🌲सुभाषितम् 🌲❗️

न  विश्वसेदविश्वस्ते  विश्वस्ते   नातिविश्वसेत्। 
विश्वासाद् भयमभ्येति नापरीक्ष्य च विश्वसेत्।।

       जो विश्वासपात्र नहीं है, उस पर कभी विश्वास न करे,परंतु जो विश्वासपात्र हैं, उनपर भी अधिक विश्वास न करे क्योंकि अधिक…
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भारद्वाज (Modi Ka Parivar)(@Shiv007_108) 's Twitter Profile Photo

असदुच्चैरपि प्रोक्तः शब्दः समुपशाम्यति।
दीप्यते त्वेव लोकेषु शनैरपि सुभाषितम्॥

अयोग्य भाषण यदि ऊंचे स्वर से बोला जाए तो भी लोगों पर उसका प्रभाव नहीं पड़ता और यदि सही भाषण धीरे बोला जाए तो भी उसका अच्छा प्रभाव पड़ता है..!!

दिव्य अद्भुत अलौकिक दर्शन...🙏

जय श्री महाकाल 🚩🚩

असदुच्चैरपि प्रोक्तः शब्दः समुपशाम्यति।
दीप्यते त्वेव लोकेषु शनैरपि सुभाषितम्॥

अयोग्य भाषण यदि ऊंचे स्वर से बोला जाए तो भी लोगों पर उसका प्रभाव नहीं पड़ता और यदि सही भाषण धीरे बोला जाए तो भी उसका अच्छा प्रभाव पड़ता है..!!

दिव्य अद्भुत अलौकिक दर्शन...🙏

जय श्री महाकाल 🚩🚩
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#व्यासजी(@VyasKamleshji) 's Twitter Profile Photo

श्रीय: प्रदुग्द्धे विपदो रुणद्धि
यशांसि सूते मलिनं प्रमार्ष्टि
संस्कारशौचेन परं पुनिते
शुद्धा हि बुद्धि: किल कामधेनु: ।।

🌹🙏🌹ॐ🌹

श्रीय: प्रदुग्द्धे विपदो रुणद्धि
यशांसि सूते मलिनं प्रमार्ष्टि
संस्कारशौचेन परं पुनिते
शुद्धा हि बुद्धि: किल कामधेनु: ।। 
#सुभाषितम् 
#सुप्रभातम्🌹🙏🌹ॐ🌹
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Naren(@naren1103) 's Twitter Profile Photo

जय जय माँ 🙏🪷हरे राम हरे कृष्ण 🙏🌺🦚

पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते॥
पृथ्वी पर जल, अन्न और सुवचन ये तीन ही रत्न हैं परंतु मूों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों को रत्न का नाम दिया जाता है।

जय जय माँ  🙏🪷हरे राम हरे कृष्ण 🙏🌺🦚

पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते॥
पृथ्वी पर जल, अन्न और सुवचन ये तीन ही रत्न हैं परंतु मूों के द्वारा पत्थर के टुकड़ों को रत्न का नाम दिया जाता है।
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PRATIBHA TRIPATHI(@nakshatr_nilyam) 's Twitter Profile Photo

‼️🌸🍁आज का चिंतन 🍁🌸‼️
❗️💕सुभाषितम् 💕❗️

गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः।
प्रासादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुड़ायते।।

अर्थ: गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है,न कि किसी ऊँचे स्थान पर बैठ जाने से।राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बन जाता।…

‼️🌸🍁आज का चिंतन 🍁🌸‼️
             ❗️💕सुभाषितम् 💕❗️

  गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः। 
प्रासादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुड़ायते।।

अर्थ: गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है,न कि किसी ऊँचे स्थान पर बैठ जाने से।राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बन जाता।…
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Vikas Gaurav(@VikasGauravX) 's Twitter Profile Photo

विश्व संस्कृत दिवस
भाषासु मुख्या मधुरा,दिव्या गीर्वाणभारती । तस्यां हि काव्यं मधुरं,तस्मादपि सुभाषितम् ।।

विश्व संस्कृत दिवस
भाषासु मुख्या मधुरा,दिव्या गीर्वाणभारती । तस्यां हि काव्यं मधुरं,तस्मादपि सुभाषितम् ।।
#WorldSanskritDay #sanskritday #Sanskrit 
#PranabMukherjee
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व्यास जी #भारतवर्ष_पुनर्निमाण(@K26s9v56) 's Twitter Profile Photo

शतेषु जायते शूरः सहस्रेषु च पण्डितः।
वक्ता दशसहस्रेषु दाता भवति वा न वा।।
सो में होते शूर पण्डित हजारों में मिले ।
दशहजारे वक्ता दाता मिलेगा यदाकदा ।।

🌹🙏🌹ॐ🌹

शतेषु जायते शूरः सहस्रेषु च पण्डितः।
वक्ता दशसहस्रेषु दाता भवति वा न वा।। 
सो में होते शूर पण्डित हजारों में मिले  । 
दशहजारे वक्ता दाता मिलेगा यदाकदा  ।। 
#सुष्ठु_भाषितं_सुभाषितम् 
#प्रातर्मङ्गलम्🌹🙏🌹ॐ🌹
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Pawan Singh(@PawanSingh909) 's Twitter Profile Photo

जयतु जयतु संस्‍कृतम्
भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती।
तस्यां हि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्॥

भारतीय संस्कृति की परिचायक, सभी भारतीय भाषाओं की जननी, विश्वभर की भाषाओं में सबसे प्राचीनतम व समृद्धतम देव भाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार व संवर्धन को समर्पित विश्व संस्कृत…

जयतु जयतु संस्‍कृतम्
भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती।
तस्यां हि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्॥

भारतीय संस्कृति की परिचायक, सभी भारतीय भाषाओं की जननी, विश्वभर की भाषाओं में सबसे प्राचीनतम व समृद्धतम देव भाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार व संवर्धन को समर्पित विश्व संस्कृत…
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#व्यासजी(@VyasKamleshji) 's Twitter Profile Photo

सूर्यचन्द्रौ घनावृक्षा: नदीगावश्च सज्जना: ।
एते परोपकाराय युगे देवेन निर्मिता: ।।
सूर्य, चन्द्र, बादल, वृक्ष, गौ और सज्जन, इनकी रचना पुरे युग में परोपकार के लिए देव द्वारा की गई है।। अतः उनका सान्निध्य और सम्मान करें।।
🌹🙏🌹ॐ🌹

सूर्यचन्द्रौ घनावृक्षा: नदीगावश्च सज्जना: ।
एते परोपकाराय युगे देवेन निर्मिता: ।। 
सूर्य, चन्द्र, बादल, वृक्ष, गौ और सज्जन, इनकी रचना पुरे युग में परोपकार के लिए देव द्वारा की गई है।। अतः उनका सान्निध्य और सम्मान करें।। 
#सुभाषितम् #सुप्रभातम्🌹🙏🌹ॐ🌹
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Mahendra Bhatt (Modi Ka Parivar)(@mahendrabhatbjp) 's Twitter Profile Photo

भाषासु मुख्या मधुरा, दिव्या गीर्वाण भारती।
तस्या हि काव्यं मधुरा, तस्मादपि सुभाषितम।।

विश्वसंस्कृतदिवसस्य सर्वेभ्यः शुभकामना:

भाषासु मुख्या मधुरा, दिव्या गीर्वाण भारती।
तस्या हि काव्यं मधुरा, तस्मादपि सुभाषितम।।

विश्वसंस्कृतदिवसस्य सर्वेभ्यः शुभकामना:
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