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अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे

#हिन्दू_भाई_संभलो
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे
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नारायण नाथ नाथ(@NNatha38957) 's Twitter Profile Photo


हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में 'व्रज' शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। Hota h

#हिन्दू_भाई_संभलो
 हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में 'व्रज' शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। Hota h
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Pankaj Kumar patel(@PankajKuma7564) 's Twitter Profile Photo



क्या कहती है संत रामपाल जी महाराज जी के विषय में 'नास्त्रेदमस' व अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी ?

#WayofLiving 
#सत_भक्ति_संदेश #हिन्दू_भाई_संभलो #पवित्रहिन्दूशास्त्रVSहिन्द #wayofliving #GyanGanga #KabirisGod
क्या कहती है संत रामपाल जी महाराज जी के विषय में 'नास्त्रेदमस' व अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी ?
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chhabilal das(@chhabilal_11900) 's Twitter Profile Photo

सतपाल जी महाराज खुद तुलसी पूजन करते फिरते है जबकि सन्त रामपाल की ने सभी शास्त्रों से बताया है कि केवल भगवान कबीर जी ही पूज्य है।
हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो

हिन्दू भाई संभलो

सतपाल जी महाराज खुद तुलसी पूजन करते फिरते है जबकि सन्त रामपाल की ने सभी शास्त्रों से बताया है कि केवल भगवान कबीर जी ही पूज्य है।
हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो

हिन्दू भाई संभलो
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Jai Khatri(@JaiKhatri119046) 's Twitter Profile Photo


हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता, जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
हिन्दू भ

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🌿Satyam 🌿(@Satyam71702237) 's Twitter Profile Photo



ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 54 मंत्र 3 में लिखा है कि सूर्य के समान यानि जैसे सूर्य ऊपर विद्यमान है ऐसे पवित्र शीतल अमर परमेश्वर कबीर विश्व के सर्व लोकों के ऊपर के लोक में बैठा है, जो सर्व सृष्टि का रचनहार है।

#WayofLiving 
#सत_भक्ति_संदेश #हिन्दू_भाई_संभलो 
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 54 मंत्र 3 में लिखा है कि सूर्य के समान यानि जैसे सूर्य ऊपर विद्यमान है ऐसे पवित्र शीतल अमर परमेश्वर कबीर विश्व के सर्व लोकों के ऊपर के लोक में बैठा है, जो सर्व सृष्टि का रचनहार है।
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सत्य भक्ति करे जो हंसा, तारूं तास के इकोतर बंशा ।'
शब्दार्थ- परमात्मा जी ने कहा है कि जो साधक शास्त्रोक्त सत्य साधना भक्ति करता है तो मैं उसकी एक सौ एक (101) पीढ़ी को संसार सागर से पार कर दूँगा यानि पूरे वंश का मोक्ष प्रदान कर दूँगा

#WayofLiving 
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सत्य भक्ति करे जो हंसा, तारूं तास के इकोतर बंशा ।'
शब्दार्थ- परमात्मा जी ने कहा है कि जो साधक शास्त्रोक्त सत्य साधना भक्ति करता है तो मैं उसकी एक सौ एक (101) पीढ़ी को संसार सागर से पार कर दूँगा यानि पूरे वंश का मोक्ष प्रदान कर दूँगा
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संत रामपाल जी महाराज ने आदरणीय नानक जी,आदरणीय गरीब दास जी, स्वयं कबीर साहेब जी तथा पवित्र वेदों से साबित किया है कि सृष्टि रचन हार स्वयं पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
Hindu Bhai Dhokhe Mein

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पवित्र गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में स्पष्ट प्रमाण है कि भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होंगे, अर्थात श्राद्ध करवाना वा पिंड भरवाना व्यर्थ की साधना है। इससे यह पता चलता है कि अनिरुद्ध आचार्य जी को भी ज्ञान नहीं गीता जी का तथा जो साधना अनिरुद्ध आचार्य जी

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आज तक हमें श्राद्ध करना और पित्र पूजा करना मोक्ष कि क्रिया बताया जा रहा लेकिन गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में श्राद्ध और पिंड आदि कर्मकांड को गलत बताया है। मार्कन्डेय पुराण में भी पित्र पूजा को अविधा यानि मूर्खों कि साधना कहा है। तो फिर ये साधना क्यों कारवाई जा रह

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जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।

Hindu Bhai Dhokhe Mein

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हम हिन्दू भाइयों को नकली धर्म गुरु तरह तरह के मंत्र जाप करने को दे रहे हैं कोई राधे राधे मंत्र जप करने को कह रहा है कोई हरे राम हरे कृष्ण कोई कुछ .. लेकिन गीता जी अध्याय 8 श्लोक 13 में केवल एक ॐ मंत्र का जाप करने को कहा है। ये हमारे साथ धोखा है।
हिन्दू भाइ

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Jai Khatri(@JaiKhatri119046) 's Twitter Profile Photo


हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित कि है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में 'व्रज' शब्द अर्थ आना किया है। जबकि ये देखिए संस्कृत हिन्दी शब्द कोश इसमे साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है।

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