डॉक्टर मृदुल कीर्ति
@mridulkirti
भारतीय सांस्कृतिक आर्ष ग्रंथों के मूल संस्कृत से हिंदी भाषा में विभिन्न छंदों में काव्यानुवाद l आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऋषियों का उद्बोधन।
ID:1150192844033810432
http://www.mridulkirti.com 13-07-2019 23:58:38
2,3K Tweets
1,3K Followers
231 Following
मधु कलश और प्यास
दोनों ही अकिंचन हो गये
जब से क्षण भंगुर जगत के
सत्य चिंतन हो गये
कामना ही जाल फैला कर
जगत में व्यापती
पानी के देकर खिलौने
बुलबुलों से पालती।
डॉ मृदुल कीर्ति
Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar)
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
Namita Gokhale
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
Kumar Vishwas FC
राम राज्य कीनींव धर
मंदिर आ गए राम
राष्ट्र चेतना मंदिर राम
राम अलौकिक पावन राम
पावनतम सर्वोत्तम राम
राम चेतना चिंतन राम
राम प्रवाह प्रभाव हैं राम
राम ऊर्जा भाव हैं राम
शक्ति भक्ति अनुरक्ति राम
वृत्ति और प्रवृत्ति राम
नहीं एक के सबके राम
डॉक्टर मृदुल कीर्ति
Narendra Modi
“ हे राम राज्य वासियों !
अपना मस्तक ऊँचा करके रखना “
राष्ट्र हेतु श्री मोदी जी का संबोधन
स्वर्णिम भारत का दिव्य बीज वाक्य है
बीज में वृक्ष की संभावनायें
युग परिवर्तन हेतु कर्तव्य निष्ठ
आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतः
@डॉ मृदुल कीर्ति
Narendra Modi
Om Birla (मोदी का परिवार)
Amit Shah (Modi Ka Parivar)
यह कल की ही बात है, राम राम करने में गँवार समझे जाते थे किंतु आज राम राम और जय श्री राम भारतीयता और राष्ट्रीयता का गर्वित उद्बोधन, संस्कृति का प्रबोधन और सांस्कृतिक संप्रभुता का प्रतीक है।
काल चक्र का अद्भुत क्षण
@मृदुल कीर्ति
Om Birla (मोदी का परिवार)
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
तेरो बृहत विराट स्वरूप
विराट स्वरूप
तेरो बृहत विराट स्वरूप
अंतरिक्ष द्यौलोक धरनि सब अन्तर्निहित अनूप
पंचतत्व एकमेव प्रणेता अनु कण के एक भूप
स्थिति प्रलय उत्पत्ति सृष्टि के प्रारूप
सकल सृष्टि संचालकपालक मारकविरल सरूप
डॉ मृदुल कीर्ति
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
हूँ एक ज्योतिर्मय दिया।
सात्विक, राजस, तमस् का, त्रिगुणधर्मी हूँ दिया
राजसी गुण तेल बाती, माटी ने यह तन दिया
सात्विक ज्योति से ज्योतित, जगत ज्योतिर्मय किया
तमस् गुण को स्वयं पीकर, दीप तल में रख लिया
हूँ एक ज्योतिर्मय दिया
डॉ मृदुल कीर्ति
Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar)
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
वास्तुओं में वासना का न होना वैराग्य की चरम सीमा है।
चित्त में अहंकार का सर्वथा क्षय होना बोध की चरम सीमा है।
लींन हुई वस्तुओं का पुनः उदित न होना उपरामिता की चरम सीमा है।
@मृदुल कीर्ति
Sunita Poddar
Namita Gokhale
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
Dr David Frawley @dev
Dr. Sarojini Agarwal MLC (मोदी का परिवार)
आरती सिंह 🕊️
ये दीवारें ईंट गारा
स्नेह का चंदन नहीं
घर उसे कैसे कहें
जहॉं व्यक्ति का वंदन नहीं।
@मृदुल कीर्तिja
Sunita Poddar
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
आरती सिंह 🕊️
Narpati C Pareek 🇮🇳
Namita Gokhale
आत्मीय स्वजनों
ओम्
लेखनी और ट्विटर के प्रबुद्ध आत्मीय जनों को मेरे जन्मदिन पर स्वस्ति भाव भेजने के लिए अंतर्मन से आभार व्यक्त करती हूँ
वास्तुतः दिव्य काव्य न ममार न जीर्णयते
प्रभु प्रदत्त इन रचनाओं को पुनः दे सकूँ
आप सबका हृदय से आभार
@मृदुलकीर्ति
आरती सिंह 🕊️
Narpati C Pareek 🇮🇳
जहाँ से कामना आरम्भ होती है,वहीं से तुम भी खंडित हौना आरम्भ हो जाते हो।
@मृदुल कीर्ति
Sunita Poddar
Narpati C Pareek 🇮🇳
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
आरती सिंह 🕊️
Namita Gokhale
वस्त्र या स्थान बदलने को चेतना से बदलने को जोड़ देते हैं। वस्त्र या स्थान का चेतना से क्या लेना देना। सन्यास कोई विन्यास नहीं स्वयं को स्वयं से देखने की चेतना ही चैतन्य से जोड़ती है।
#डा_मृदुल_कीर्ति
@Narendra Modi
Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar)
Om Birla (मोदी का परिवार)
स्वामी रामदेव
चुभन से जगा हो जो व्यक्तित्व उसका
पता कुछ नहीं है, किधर चल पड़ेगा
ये तुलसी या मीरा या काली बनेगा,
या ध्रुव बन के तारा गगन में जड़ेगा ।
डॉक्टर मृदुल कीर्ति
Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar)
jaipurlitfest
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
jitarth jai bharadwaj vs जितार्थ जय भारद्वाज
क्षण-क्षण बजाए काल साँकल चुपचाप रे !
बहिर मन सोच रहे कौन सुने थाप रे !
भूकम्पी विप्लव से तो भयभीत रे !
क्षण-क्षण ही रीत रहे कोई ना भीत रे!
@मृदुल कीर्ति
आरती सिंह 🕊️
Narpati C Pareek 🇮🇳
Namita Gokhale
Sunita Poddar
जय प्रकाश पाण्डेय/ Jai Prakash Pandey
अब मुझे संसार कुछ रुचता नहीं
अब मुझे संसार कुछ रुचता नहीं
व्योम के उस पार देखूं अब भला
ले चलोगे क्या मेरे मन चंचला
मन बहुत गतिवान गीता में कहा
चाहती हूँ देखना मन की कला
तत्व ज्ञानी कोई भी बसता नहीं
मुझे संसार कुछ रुचता नहीं
डॉ मृदुल कीर्ति
Sunita Poddar
Namita Gokhale
मधु कलश और प्यास
दोनों ही अकिंचन हो गये
जब से क्षण भंगुर जगत के
सत्य चिंतन हो गये
कामना ही जाल फैला कर
जगत में व्यापती
पानी के देकर खिलौने
बुलबुलों से पालती।
डॉ मृदुल कीर्ति
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
PMO India
Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar)
कुछ लिखे गये, कुछ लिखती हूँ
कुछ का लिख जाना बाकी है
बस हम त्रिकाल के पृष्ठों पर
अविरल निःशब्द कहानी हैं।
डॉ मृदुल कीर्ति
Sambit Patra (Modi Ka Parivar)
Namita Gokhale
Sunita Poddar
आरती सिंह 🕊️