तुम पर कोई गजल लिखना है तुम्हें हमदम, हम नजर लिखना है तुम खफा होकर भी खफा नहीं लगते इसलिए तुम्हें प्यारा हमसफर लिखना है तुम्हारी खामोशी भी इकरार सी रहती है दिल के घरोंदे पे इस चाहत का बसर लिखना है तुम पर शुरू कहानी तुम पर खत्म जिंदगानी तुम से ढलती रात तुमसे होता सहर लिखना है !!