मेरी देह से मिट्टी निकाल लो और बंजरों में छिड़क दो मेरी देह से जल निकाल लो और रेगिस्तान में नहरें बहाओ मेरी देह से निकाल लो आसमान और बेघरों की छत बनाओ मेरी देह से निकाल लो हवा और कारखानों की वायु शुद्ध कराओं मेरी देह से आग निकाल लो, तुम्हारा दिल बहुत ठंडा है। 🔹 गीत चतुर्वेदी
मेरी देह से मिट्टी निकाल लो और बंजरों में छिड़क दो मेरी देह से जल निकाल लो और रेगिस्तान में नहरें बहाओ मेरी देह से निकाल लो आसमान और बेघरों की छत बनाओ मेरी देह से निकाल लो हवा और कारख़ानों की वायु शुद्ध कराओ मेरी देह से आग निकाल लो, तुम्हारा दिल बहुत ठंडा है।
'जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे' का विचार 2021 में हमारे मन में आया। इस शृंखला की शुरुआत 'गीत चतुर्वेदी' के घर जाने से हुई। और जब पहला एपिसोड आया तो काफी सराहना हमें मिली। उसी कड़ी में हम बहुत लंबे समय तक कोई दूसरा एपिसोड नहीं जोड़ सके। इस शृंखला को जीवित रखने के लिए हमें जितने