#GodMorningMonday हरि आये हरियाणे नू
हरियाणा प्रांत के गांव छुड़ानी, जिला झज्जर में सन् 1717 में जन्मे संत गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहिब जी जिंदा बाबा के रूप में सतलोक से आकर विक्रमी संवत् 1784, सन् 1727 में फाल्गुन मास की सुदी द्वादशी को मिले थे।
#हरि_आये_हरियाणे_नू
हरि आये हरियाणे नू
हरियाणा प्रांत के गांव छुड़ानी, जिला झज्जर में सन् 1717 में जन्मे संत गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहिब जी जिंदा बाबा के रूप में सतलोक से आकर विक्रमी संवत् 1784, सन् 1727 में फाल्गुन मास की सुदी द्वादशी को मिले थे।
2Days Left For Bodh Diwas
#हरि_आये_हरियाणे_नू
हरि आये हरियाणे नू
हरियाणा प्रांत के गांव छुड़ानी, जिला झज्जर में सन् 1717 में जन्मे संत गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहिब जी जिंदा बाबा के रूप में सतलोक से आकर विक्रमी संवत् 1784, सन् 1727 में फाल्गुन मास की सुदी द्वादशी को मिले थे।
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
संत गरीबदास जी का जन्म गाँव-छुड़ानी, जिला-झज्जर, हरियाणा में सन् 1717 (विक्रमी संवत् 1774) में हुआ। सन् 1727 फाल्गुन सुदी द्वादशी के दिन के लगभग 10 बजे परमात्मा गरीबदास जी को नला नामक खेत में मिले सर्व ज्ञान कराया सतलोक लेकर गए और पृथ्वी पर
#SaturdayMotivation
गरीबदास जी को 10 वर्ष की उम्र में सन 1727 में फाल्गुन मास सुदी द्वादशी के दिन के लगभग 10 बजे परमेश्वर कबीर जी एक जिन्दा महात्मा के वेश में मिले। उन्हें अपने अविनाशी सतलोक को दिखाया जहां सर्व सुख है। तब गरीबदास जी ने बताया कि सृष्टि का रचनहार कबीर परमेश्वर है।
#MorningMotivation
*हरि आये हरियाणे नूं*
ग्राम छुड़ानी, जिला झज्जर, हरियाणा में जन्मे संत गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहिब जी जिंदा बाबा रूप में सतलोक से आकर विक्रमी संवत् 1784, सन् 1727 में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी को मिले थे। इसीलिए संत गरीबदास जी ने कहा है:
#संतगरीबदासजी_को_मिले_भगवान
संत गरीबदास जी का बोध दिवस
फाल्गुन सुदी द्वादशी सन् 1727 को संत गरीबदास जी को उपदेश प्राप्त हुआ जिसका प्रमाण कबीर सागर में मिलता है। बारहवां पंथ गरीबदास पंथ है।
5Days Left For Bodh Diwas**#
वो दिन दूर नहीं जब महाराष्ट्र की जनता देश की पहली बुलेट ट्रेन से सफर करेगी। मोदी की गारंटी है !
पुणे, महाराष्ट्र में पीएम मोदी की महा जनसभा से भगवा समर्थकों का समंदर देखें
Narendra Modi
#Election2024
#२०मई२०२४_विक्रम_संवत_2081_बैशाख_द्वादशी_तिथि_को_वोट_अवश्य_करे
#Alwar नौगावा कस्बे में अनोखी परंपरा, द्वादशी पर किया गया रावण के पुतले का दहन
Alwar District Collector & Magistrate #RajasthanNews #LatestNews #RajasthanWithZee
ADV.UMESH BAJPAI गोपालकृष्णः संस्कृतम् (gopālakṛṣṇaḥ saṃskṛtam) और भी रोचक तथ्य ज्ञातव्य है -
ज्येष्ठमास के शुक्ल पक्ष द्वादशी को भी वामन द्वादशी के रूप में जाना जाता है।
यथा-
ज्येष्ठे मासि सिते पक्षे एकादश्यामुपोषितः।
द्वादश्यां वामनं दृष्ट्वा स्नात्वा विष्णुपदे ह्रदे।
दानं दत्त्वा यथाशक्त्या प्राप्नोति परमं पदम् ।।
वामनपुराणम्,३१.८४